V.S Awasthi

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मिट्टी के दिये




प्रतियोगिता हेतु रचना 
मिट्टी के दिये
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मां धरती का अपमान ना करना, मिट्टी के दिये जलाना तुम ।
घी,तेल का दिल में लोभ ना करना घी,तेल के दिये जलाना तुम।।
मोम और बिजली की झालरें क्षणिक प्रकाश फैलाती हैं।
बिजली की कटौती हो जाती तो अन्धकार दे जाती हैं।।
क्षणिक प्रकाश के कारण ही कीटाणु बहुत पैदा होते।
 मिट्टी के दिये जलाने से कीटाणु सभी मरते रहते।।
मिट्टी मानव का तत्व एक मिट्टी में मानव का जन्म हुआ।
जीवन भर मिट्टी में पला बढ़ा अन्त में मिट्टी नाम हुआ।।
मिट्टी से प्रेम सदा रखना मिट्टी जीवन धन काया है।
मिट्टी से मानव निर्मित है मिट्टी में जीव समाया है।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर



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4 Comments

Punam verma

11-Nov-2023 08:54 AM

Very nice

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Abhinav ji

11-Nov-2023 08:08 AM

Very nice 👍

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Gunjan Kamal

09-Nov-2023 04:48 PM

👏👌

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